बदले बदले से हो जनाब क्या बात हो गयी
शिकायते हमसे है या किसी और से मुलाकात हो गयी
इससे अच्छी दोस्ती और क्या हो सकती है
की हम बहुत दिनों से मिले नहीं
मगर यारी आज भी बेशुमार है
चल तू ही बता कैसे छोड़ दू में तुझसे मोहब्बत करना
तुम मेरे नसीब में न सही लेकिन दिल में तो है
सब्र करो
कोई नज़रअंदाज कर रहा है तो करने दो
देख-कर अनदेखा कर रहा है तो करने दो
बस याद रखना की वक़्त सबका आता है
मेरे बिना क्या अपनी ज़िन्दगी गुजर लोगे तुम
इश्क़ हूँ बुखार नहीं जो दवा से उतर लोंगे तुम
किसी से दिल लग जाए वो मोहब्बत नहीं
किसी के बगैर दिल न लगे
जी हां वो मोहब्बत है
बहुत कुछ है कहने को
पर ना जाने क्यू
अब कुछ ना कहूँ वही बेहतर लगता है
कभी कभी नाराज़गी भी जरुरी है
ताकि पता तो चले
हमें मनाने वाला कोई है भी या नहीं
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