गुलज़ार मोटिवेशनल

 एक वक्त ऐसा था जब उसका नाम सुनते ही मुस्करा देते थे हम 

एक वक्त ये है की उसका जिक्र होते ही हम बात बदल देते है 



बहुत कम लोग है जो मेरे दिल को भाते है 

और उससे भी बहुत कम है जो मुझे समझ पाते है


 नाराजगी चाहे कितनी भी क्यों न हो तुमसे 

तुम्हे छोड़ देने का ख्याल हम आज भी नहीं रखते 



किस्मत के कुछ फैसले हमारे हक में नहीं होते

बस कुछ यादे साथ रह जाती है जिंदगी भर के लिए


हिम्मत कर सब्र कर बिख्रर कर भी सवर जायेगा 

यकीन कर शुक्र कर वक्त ही तो है गुजर जायेगा



ना मेरा दिल बुरा था ना उसमे कोइ बुराई थी

सब मुकदर का खेल है किस्मत में ही जुदाई थी 



इतने बुरे नहीं थे हम जितने इल्जाम लगाए लोगो ने 

कुछ किस्मत खराब थी कुछ आग लगाई लोगो ने 


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